Saturday 18 February 2017

मैंने गांधी को क्यों मारा?

The science stream junction™ published


         Nathuram godsai


आजाद भारत के पहले खलनायक माने जाने वाले नाथुराम गोडसे जो पत्रकार थे ओर क्रान्तिकारी भी थे ने माहत्मा गांधी की तीन गोलिया मार के हत्या कर दि थी


      वो स्वन्त्रत भारत में पहले फांसी पर चढने वाले इंसान थे जो 19 मई 1910 को पुणे से अपनी जीवन यात्रा शुरु करी और अम्बाला की जेल में फासी के फन्दे पर खत्म हुई 


बस हम इन्हे इतना ही जानते हैं इससे ज्यादा नही क्योकी भारत सरकार ने इनकी किताब  '' मैंने गाधीं को क्यों मारा?''  पर बैन लगा दिया था लेकिन हम आज आप तक वो भाषण पहुचा रहे है जो इन्होने आदालत में दिया था और हजारो लोग जिसे सुन कर रो पडे थें 


 गोडसे ने गाधीं के हत्या करने के 150 कारण न्यायालय के समाने बताये थे। उन्होंने जज से आज्ञा  ली थी कि वे अपने बयानों को पढ़कर सुनाना चाहते है  उन्होंने वो 150 बयान  पढ़कर सुनाए। पर कांग्रेस सरकार ने नाथूराम गोडसे के गाँधी हत्या के कारणों के भाषण की किताब पर बैन लगा दिया कि वे  जनता के समक्ष न पहुँच पायें हमें सिर्फ 3 भाग ही मिल सके हैं जिन्हे पढ कर आप स्वं ही विचार कर सकते है कि गोडसे के बयानों पर क्यो रोक लगाई ?


1..............................."इस बात को तो मै सदा बिना छिपाए कहता रहा हूँ कि में गाँधी जी के सिद्धांतों के विरोधी सिद्धांतों का प्रचार कर रहा हूँ। मेरा यह पूर्ण विशवास रहा है कि अहिंसा का अत्यधिक प्रचार हिदू जाति को अत्यन्त निर्बल बना देगा और अंत में यह जाति ऐसी भी नही रहेगी कि वह दूसरी जातियों से ,विशेषकर मुसलमानों के अत्त्याचारों का प्रतिरोध कर सके।"-------------------------------------------------------------------"हम लोग गाँधी जी कि अहिंसा के ही विरोधी ही नही थे,प्रत्युत इस बात के अधिक विरोधी थे कि गाँधी जी अपने कार्यों व विचारों में मुसलमानों का अनुचित पक्ष लेते थे और उनके सिद्धांतों व कार्यों से हिंदू जाति कि अधिकाधिक हानि हो रही थी।" ---------------------------------

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2...................................."32 वर्ष से गाँधी जी मुसलमानों के पक्ष में जो कार्य कर रहे थे और अंत में उन्होंने जो पाकिस्तान को 55 करोड़ रुपया दिलाने के लिए अनशन करने का निश्चय किया ,इन बातों ने मुझे विवश किया कि गाँधी जी को समाप्त कर देना चाहिए। "--------------------------------


3. ........................"खिलाफत आन्दोलन जब असफल हो गया तो मुसलमानों को बहुत निराशा हुई और अपना क्रोध उन्होंने हिन्दुओं पर उतारा।--------------------------------"मालाबार,पंजाब,बंगाल , सीमाप्रांत में हिन्दुओं पर अत्यधिक अत्याचार हुए। जिसको मोपला विद्रोह के नाम से पुकारा जाता है। उसमे हिन्दुओं कि धन, संपत्ति व जीवन पर सबसे बड़ा आक्रमण हुआ। हिन्दुओं को बलपूर्वक मुसलमान बनाया गया,स्त्रियों के अपमान हुए। गाँधी जी अपनी निति के कारण इसके उत्तरदायी थे,मौन रहे।"-----------------------------"प्रत्युत यह कहना शुरू कर दिया कि मालाबार में हिन्दुओं को मुस्लमान नही बनाया गया।यद्यपि उनके मुस्लिम मित्रों ने ये स्वीकार किया कि मुसलमान बनाने कि सैकडो घटनाएं हुई है। ---------------------------------------------और उल्टे मोपला मुसलमानों के लिए फंड शुरू कर दिया। "-----------------


हम The scince stream junction™ गाधीं हत्या का समर्थन नही करते हम सिर्फ संविधान में वर्णीत विचारो की स्वतन्त्रता का उपयोग कर भारतीयो की जानकारी इस विषय में बढा रहें हैं ताकी वे नाथुराम को भली प्रकार जान सकेंं.



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Written by: Prince Chauhan


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